Thursday, March 17, 2016

गुरु छठे भाव का प्रभाव तथा उपाय

गुरु को छठे घर में बहुत ख़राब माना है | यदि गुरु इस घर में होगा तो जातक को मानसिक संताप देगा परन्तु जातक को डूबने नहीं देता बल्कि किसी अन्य की सहायता से उसे डूबने के बचा लेता है | जातक का ननिहाल आमतोर पर कमजोर ही रहता है | उसकी बहिन, बुआ, मोसी के लिए भी प्रभाव नीच ही होता है | जातक आलसी और वहमी हो सकता है | उसे काम करने की आदत नहीं रहती | इस घर में आकर गुरु अपना स्वाभाव बदल लेता है जिस कारण जातक धर्म-कर्म को भूल जाता है | यदि इस घर में उपस्थित गुरु पर बुध की दृष्टि पड़ रही हो तो १६ से २१ वर्ष की आयु में जातक के पिता के लिए समय ठीक नहीं रहता | या तो उसे बीमारी लग जाती है या उसका धन नष्ट हो जाता है | ऐसा जातक कफ, फेफड़े, पेट में फोड़ा, गुर्दे का रोग तथा पीलिया रोग से ग्रसित हो सकता है |
उपाय : ६ किलो या ६०० ग्राम दाल-चना ६ दिन निरंतर या ६ वीरवर धर्म स्थान में देवे |

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